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Showing posts from May, 2023

सत्संग भजन लिरिक्स इन हिंदी | Satsang Bhajan Lyrics

आज हमने आपके लिए सत्संग भजन लिरिक्स इन हिंदी का संग्रह प्रस्तुत कर रहा हूं, आशा करता हूं आपको  Satsang Bhajan Lyrics पसंद आए। 1. उठ जाग मुसाफिर भोर भई लिरिक्स उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत है । जो सोवत है सो खोवत है, जो जागत है सोई पावत है ॥आपको उठ नींद से अखियाँ खोल जरा, और अपने प्रभु में ध्यान लगा । यह प्रीत करन की रीत नहीं, प्रभु जागत है तू सोवत है ॥ उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत है । जो सोवत है सो खोवत है, जो जगत है सोई पावत है ॥ जो कल करना सो आज कर ले, जो आज करे सो अब कर ले । जब चिड़िया ने चुग खेत लिया, फिर पछताए क्या होवत है ॥ उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत है । जो सोवत है सो खोवत है, जो जगत है सोई पावत है ॥ नादान भुगत अपनी करनी, ऐ पापी पाप में चैन कहाँ । जब पाप की गठड़ी शीश धरी, अब शीश पकड़ क्यूँ रोवत है ॥ उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत है । जो सोवत है सो खोवत है, जो जगत है सोई पावत है ॥ 2. मनुष जनम अनमोल रे मिट्टी में ना रोल रे लिरिक्स मनुष जनम अनमोल रे  मिट्टी में ना रोल रे  अब जो मिला है फिर ना मिलेगा  कभी नही कभी नहीं कभी न

नाचने वाले भजन लिरिक्स | Naachne Wale Bhajan Lyrics

आज की इस भजन लिरिक्स में हमने नाचने वाले भजन लिरिक्स का संग्रह किया हूं आशा करता हूं की ये लिरिक्स आपको पसंद आए। 1. जब से देखा तुम्हे जाने क्या हो गया लिरिक्स जब से देखा तुम्हे, जाने क्या हो गया, ए खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया । तू दाता है तेरा पुजारी हूँ मैं, तेरे दर का ए बाबा भिखारी हूँ मैं । तेरी चौखट पे दिल है मेरा खो गया, ए मुरली वाले श्याम मैं तेरा हो गया ॥ जब से मुझको ए श्याम तेरी भक्ति मिली, मेरे मुरझाए मन में हैं कालिया खिली । जो ना सोचा कभी था वाही हो गया, ए खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया ॥ तेरे दरबार की वाह अजब शान है, जो भी देखे वो ही तुझपे कुर्बान है । तेरी भक्ति का मुझको नशा हो गया, ए खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया ॥ ‘शर्मा’ जब तेरी झांकी का दर्शन किया, तेरे चरणो में तन मन यह अर्पण किया । इक दफा तेरी नगरी में जो भी गया, ए मुरली वाले श्याम मैं तेरा हो गया ॥ 2. नैनन में श्याम समायो रोग लगाया कान्हा ने लिरिक्स नैनन में श्याम समायो, रोग लगाया कान्हा ने, मैं सुध भुध भूली सारी, रोग लगायो कान्हा ने, नैनन में, नैनन में, नैनन में श्याम समायो,रोग लगाया कान्हा ने, जबसे देखि तेर